दोस्तों aap सभी का स्वागत है। aaj के सबसे ख़ास post में bewafai shayari in hindi में ये पोस्ट में हमने कुछ फेमस शायर की शायरी और साथ हमने हमने हमारे द्वारा लिखी शायरी को ऐड किया है। जो की पूरी की पूरी शायरी बेवफ़ा शायरी पर ही है।
अगर आप भी नई नई शायरी पढ़ने का शौक़ रखते है तो आपको ये एक दम सही साईट पर आए है। और आप को इस साईट नया नया शायरी कंटेंट पढ़ने को मिलेगा। तो चलिए फिर ज़्यादा देरी ना करते हुए इस पोस्ट को पढ़ना चालू करते है। और कैसी लगे ये पोस्ट नीचे कमेंट करके जरूर बताए।
bewafai shayari
जाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा बार-हा आज़मा के देख लिया दाग़ देहलवी
jao bhi kya karoge mehar o wafa bar ha aajma ke dekh liya daang dehlabi..!!
तुम किसी के भी हो नहीं सकते तुम को अपना बना के देख लिया अमीर रज़ा मज़हरी
Tum kisi ke bhi ho nahi sakte tum ko apana bana ke dekh liya – amir raza mahhari
इक अजब हाल है कि अब उस को याद करना भी बेवफ़ाई है जौन एलिया
ik ajab hal hai ki ab us ko yaad karna bhi bewafai hai – joun alia
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bewafai ki shayari
बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा क़हर होता जो बा-वफ़ा होता मीर तक़ी मीर
bewafai pe teri ji hai fida kahar hota jo ba wafa hota – mir taki mir
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
kuch to majburiya rahi hogi yoon oi bewafa nahi hota…!!
ऐ गम-ए-जिंदगी न हो नाराज, मुझको आदत है मुस्कुराने की !
e gam e zindagi na ho naraz mujhko adat hai muskurane ki..!!
जो मिला उस ने बेवफ़ाई की कुछ अजब रंग है ज़माने का मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
jo mila us ne bewafai ki kuch ajab rang hai jamane ka mushafi gulab humdani..!!
shayari bewafai
इस दुनियां में सब कुछ एक जैसा नहीं चलता, कुछ आपके खिलाफ तो कुछ आपके साथ चलता है !
is duniya me sab kuch ek jaisa nahi chalta kuch aapke khilaf to kuch aapke sath chalta hai…!!
मुझ से नाराज है तो छोड़ दे तन्हा मुझको, ऐ जिंदगी मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर !
mujh se naraj hai to chod do tanha mujhko, e zindagi mujhe roz roz tamasha na banaya kar..!!
अजीब तरह से गुजर रही ज़िन्दगी अपनी दिलों पे राज़ किया फिर भी मोहब्बत को तरस रहे है
ajib tarah se gujar rahi zindagi apni dilon p raj kiya bhi mohabbat ko taras rhe hai..!!
बाज़ार जा के ख़ुद का कभी दाम पूछना
तुम जैसे हर दुकान में सामान हैं बहुत
आवाज़ बर्तनों की घर में दबी रहे
बाहर जो सुनने वाले हैं शैतान हैं बहुत!
bazar ja ke khud ka kabhi dam puchna,
tum jaise har dukan me samana hai bahut
aawaz barton ki ghar me dabi rhe,
bahar jo sunane wale hai shatain hai bahut…!!
bewafai wali shayari
यूँ इश्क़ की बाते किया करते हो हर जगह,
फ़रमाई है या पैदाइस है आपकी।।
barfa
ना पूछा कर हालात अब ग़ैरों से,
रक़ीब का डेरा लगा लिया तुमने बाजारों में।
barfa
तुझे वफ़ा की रुमाई ना लगी, कोशिश बहुत की,
पर वफ़ा की ग़ैरत छोड़ो मिया बेवफ़ाई बहुत की।
barfa
तुम पूछते हो इश्क़ का हिसाब हमसे,
हमने पूछा अगर वफ़ा तो क्या हिसाब दोगी।
barfa
जा अब तुझे मजनू सी बेफाई ना मिले
मिले अगर इश्क़ तो फिर हमसा ना मिले।
barfa
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